Animal Movie Review: रणबीर कपूर के किरदार पर भारी पड़ा बॉबी देओल का 10 मिनट का रोल, छोटी-बेहतर हो सकती थी कहानी
Animal Movie Review: रणबीर कपूर के किरदार पर भारी पड़ा बॉबी देओल का 10 मिनट का रोल, छोटी-बेहतर हो सकती थी कहानी
Animal Movie Review: रणबीर कपूर के किरदार पर भारी पड़ा बॉबी देओल का 10 मिनट का रोल, छोटी-बेहतर हो सकती थी कहानी
रणबीर कपूर स्टारर फिल्म एनिमल की पहली झलक सामने रिलीज़ की गई थी तो फैंस ख़ुशी से पागल हो गये थे। टीज़र और ट्रेलर के बाद लगा कि डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा क्यूट, रोमांटिक, चॉकलेटी बॉय रणबीर को क्रिमिनल बना दिया है। अब फिल्म में धमाका होगा। लेकिन अफ़सोस कि ये धमाका सिर्फ टीज़र और ट्रेलर तक ही सीमित था। फिल्म में बहुत कुछ शानदार सीन, परफॉरमेंस के बीच कुछ ऐसा भी है जो शायद आपको पसंद नहीं आएगा।
फिल्म की कहानी की बात करें तो इसका अंदाज़ा आपको ट्रेलर में लग गया होगा। लेकिन असल में कहानी बहुत बड़ी और कुछ हद तक बोरिंग है। रणबीर का किरदार अपने पिता का प्यार पाना चाहता है। पिता को गोली से मारने वालों का पता लगाता है। खुद की गैंग शुरू करता है और पिता को मारने वाले से लेकर आगे पिता पर हमला न हो उसके दुश्मनों को पहले ही मार गिराता है। दुश्मन मतलब एनिमल का एनिमल यानी बॉबी देओल। लेकिन शुरू से लेकर बॉबी के किरदार की एंट्री तक कितना कुछ होता है जिसे देखने के बाद आप सोचेंगे कि खास लगभग इस साढ़े तीन घंटे की फिल्म में दो इंटरवल होते।
फिल्म का फर्स्ट हाउस कुछ हद तक बोरिंग लगेगा। एक सीन अधुरा छोड़ कर कब दूसरा सीन शुरू होता है समझ नहीं आता है। ट्रांजीशन, एडिटिंग में थोड़ा और ध्यान दिया जाता तो शायद पहले हाफ तक ऑडियंस इतनी कंफ्यूज नजर नहीं आती। दूसरी बड़ी गलती एनिमल के दुश्मनों से दुश्मनी का कनेक्शन नहीं बन पाना। अनिल कपूर के किरदार बलबीर सिंह को कुछ लोग मारना चाहते हैं, लेकिन क्यों, दुश्मनी का बेस अंत तक समझ नहीं आता। फिल्म के 70 प्रतिशत हिस्सों में रणबीर के पागलपन, पिता के लिए प्रेम, गर्लफ्रेंड से पत्नी बनी रश्मिका मंदाना के किरदार, बच्चे, फैमिली ड्रामा दिखा कर ही खत्म कर दिया गया है। काश बॉबी देओल के किरदार का कुछ हिस्सा फिल्म के पहले हाफ में दिखाया गया होता। अनिल कपूर को अधिक स्क्रीन स्पेस के साथ अच्छे डायलॉग दिए गये होते। तृप्ति डिमरी के किरदार को थोड़ा और दिखाया गया होता तो ये रिव्यू तारीफों से भरा होता। लेकिन ऐसा नहीं है कि इस फिल्म में तारीफों की कमी है।
अब इतनी कमियां बताने के बाद थोड़ी तारीफ भी बनती है। इस फिल्म में सबसे खास है रणबीर की शानदार परफॉरमेंस जिसके आगे सब कुछ इग्नोर किया जा सकता है। इतना जबरदस्त एक्शन करते हुए एक्टर को पहले नहीं देखा होगा। बैकग्राउंड म्यूजिक कमाल है। खासकर जब मशीन गन से एक्शन करने के दौरान एनिमल की टीम के सरदार पंजाबी गाना गाते हैं। थिएटर में सीटियों का माहौल बन जाता है। दूसरा सबसे शानदार एक्शन सीन फिल्म के अंत में जहां बॉबी देओल और रणबीर के बीच शर्टलेस मुकाबला होता है। इस सीन को देखने के लिए मैं शायद बार-बार थिएटर जा सकती हूं। बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ स्लो मोशन में एक दूसरे को मारते दो एनिमल। यहां बॉबी देओल का किरदार रणबीर पर भारी पड़ गया। इसके अलावा कुछ एक्स्ट्रा पॉइंट्स पोस्ट क्रेडिट्स सीन के लिए। ये सीन देखने के बाद आपको दूसरे [पार्ट का बेसब्री से इंतजार होगा। मतलब ये कन्फर्म है कि रणबीर और बॉबी देओल के किरदार के बच्चे भी आगे चल कर लड़ने वाले हैं। दूसरा पार्ट दमदार होगा। संदीप रेड्डी वांगा के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म को मेरी तरफ 5 में से 3.5 स्टार्स।
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